CSIR के बारे में

कौंसिल ऑफ़ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), जो विभिन्न विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास ज्ञान के लिए जाना जाता है, एक समकालीन अनुसंधान एवं विकास संगठन है।अखिल भारत में इसकी उपस्थिति होने के कारण, CSIR के पास 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और उससे जुड़े आउटरीच केंद्रों, एक इनोवेशन कॉम्प्लेक्स का एक डायनामिक नेटवर्क है। CSIRs की अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञता और अनुभव लगभग 3450 सक्रिय वैज्ञानिकों में सन्निहित है, जिनकी सहायता लगभग 6500 तकनीकी और अन्य सहायक स्टाफ़ करते हैं।

CSIR में एयरोस्पेस और एयरोनॉटिक्स, फिजिक्स, समुद्र विज्ञान, जियोफिजिक्स, केमिकल्स, ड्रग्स, जीनोमिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और नैनोटेक्नोलॉजी से लेकर खनन, इंस्ट्रूमेंटेशन, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी तक के व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल हैं।

सामाजिक पोर्टल का उद्देश्य

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति को देखते हुए वैज्ञानिकों से समाज की अपेक्षाएं लगातार बढ़ रही हैं और ठीक भी है। CSIR अपनी वैज्ञानिक ताकत का इस्तेमाल करने और देश की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि भारत ने अब तक सराहनीय प्रगति की है, फिर भी देश के सामने कई चुनौतियां हैं जिन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेपों के जरिए हल किया जा सकता है। CSIR ऐसी समस्याओं/ चुनौतियों को पहचानकर उनका समाधान खोजना चाहता है। समाज में अलग-अलग हितधारकों की चुनौतियों और समस्याओं के बारे में जानकारी पाने के लिए यह पोर्टल इस दिशा में पहला कदम है।

प्रॉब्लम डोमेन्स

कृषि जिसमें औषधीय और सुगंधित पौधे शामिल हैं
कृषि जिसमें औषधीय और सुगंधित पौधे शामिल हैं

कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र भारतीय आबादी के बहुत बड़े हिस्से की आजीविका का प्राथमिक स्रोत हैं। कृषि अनुसंधान एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसे CSIR पूरे भारत में अपनी विभिन्न प्रयोगशालाओं में संबोधित कर रहा है। फ्लोरीकल्चर और अरोमा मिशन भी इसी गतिविधि का हिस्सा हैं।

आपदा प्रबंधन
आपदा प्रबंधन

भारत कई तरह की मानव निर्मित और प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और बीमारियों के फैलाव की चपेट में है। संगठन के पास भूकंप-प्रतिरोधी आवास तकनीकों को विकसित करने और हाल ही में आई महामारी जैसी आपदाओं के दौरान खाद्य उत्पादों और अन्य उपायों के रूप में राहत देने की तकनीकें हैं।

उपकरणों सहित ऊर्जा, एनर्जी ऑडिट और दक्षता
उपकरणों सहित ऊर्जा, एनर्जी ऑडिट और दक्षता

कीमती ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण और बेहतरीन इस्तेमाल भारत जैसे देश के लिए बहुत ज़रूरी है। ऊर्जा और ऊर्जा से जुड़े उपकरण शोध का एक महत्वपूर्ण घटक हैं, जिसे CSIR की कई प्रयोगशालाओं में चलाया जा रहा है। इस गतिविधि के सबसेट में एनर्जी ऑडिट और डिवाइस की दक्षता की निगरानी करना शामिल है।

पर्यावरण
पर्यावरण

हम जहाँ रहते हैं वहाँ के वातावरण से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना ज़रूरी है, ताकि आबादी के बड़े हिस्से के लिए उचित रहन-सहन सुनिश्चित किया जा सके। संगठन ने कई तकनीकों का विकास किया है, जिसका उद्देश्य जल, स्वच्छता और पारिस्थितिकी के क्षेत्र में आम आदमी की समस्याओं को दूर करना है।

फार्म मशीनरी
फार्म मशीनरी

कृषि प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ाने और कृषि की आय बढ़ाने के लिए स्वदेशी कृषि मशीनरी उत्पाद का विकास बहुत ज़रूरी है। कुछ प्रयोगशालाओं में कृषि मशीनरी उन्मुख उत्पाद विकास की कई गतिविधियाँ चल रही हैं। उत्पादों में सोनालिका ट्रैक्टर, ई-ट्रैक्टर, कृषि अपशिष्ट से लेकर वेल्थ से जुड़ी तकनीकें आदि शामिल हैं।

स्वास्थ्य देखभाल
स्वास्थ्य देखभाल

भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली कई चुनौतियों से घिरी हुई है, तो ग्रामीण संदर्भ में भी ऐसा ही है। इस सेगमेंट में CSIR's की शोध गतिविधियों का क्षेत्र कई तरह की बीमारियों से घिरा हुआ है। इसमें निगरानी, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों के रूप में कोविड-19 महामारी से काफी हद तक मुकाबला करना भी शामिल है।

भवन, आवास और निर्माण सहित बुनियादी ढांचा
भवन, आवास और निर्माण सहित बुनियादी ढांचा

देश की अधूरी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए CSIR की तकनीकें उपलब्ध हैं और यह 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक प्रयास है। इस क्षेत्र में विकसित उत्पादों में कम लागत वाली और किफ़ायती आवास तकनीक, अस्थायी अस्पताल, पोर्टेबल अस्पताल और भूकंप-रोधी संरचनाएँ शामिल हैं।

लेदर और लेदर प्रोसेसिंग
लेदर और लेदर प्रोसेसिंग

भारत फुटवियर और लेदर के दूसरे उत्पादों में अग्रणी है। बढ़िया क्वालिटी वाले उत्पादों को विकसित करने के लिए लेदर प्रोसेसिंग से संबंधित शोध महत्वपूर्ण है। फुटवियर डिज़ाइन करना एक विशिष्ट क्षेत्र है जिसमें विशेष विशेषज्ञता की ज़रूरत होती है। इसे CSIR में संबोधित किया जा रहा है।

मेटलर्जी जिसमें फाउंड्री, मेटल वर्किंग और संबंधित खनन और मिनरल्स शामिल हैं
मेटलर्जी जिसमें फाउंड्री, मेटल वर्किंग और संबंधित खनन और मिनरल्स शामिल हैं

मेटलर्जी और फाउंड्री औद्योगिक क्षेत्र का मूल हिस्सा है, जो धातुओं और मिश्र धातुओं से संबंधित है। सरकार के आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों के अनुरूप CSIR की कई प्रयोगशालाओं में धातु विज्ञान से संबंधित शोध गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं।

पीने योग्य पानी
पीने योग्य पानी

अधिकांश आबादी के लिए किफ़ायती पीने योग्य पानी की उपलब्धता शहरी और ग्रामीण भारत के सामने एक बड़ी चुनौती है। CSIR इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सक्रिय शोध कर रहा है, जिसका उद्देश्य आम आदमी की समस्याओं को सुलझाना है।

ग्रामीण उद्योग
ग्रामीण उद्योग

ग्रामीण उद्योग से जुड़ी समस्याओं को समझना ज़रूरी है। CSIR के कई उत्पाद हैं जो ग्रामीण उद्योग की ओर उन्मुख हैं। CSIR ग्रामीण औद्योगिक क्षेत्र में इन तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है।

मत्स्य पालन
मत्स्य पालन

मत्स्य पालन क्षेत्रों के विभिन्न हिस्सों में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण और देश में पूरे मत्स्य पालन सेगमेंट के लिए कौशल अंतर विश्लेषण करने का नेतृत्व CSIR प्रयोगशालाओं द्वारा किया जा रहा है।

कौशल विकास (शहरी और ग्रामीण)
कौशल विकास (शहरी और ग्रामीण)

उद्योग के लगभग सभी सेक्टर के लिए मानव संसाधन विकास और कौशल विकास बहुत ज़रूरी है। CSIR कई तरह के कौशल विकास कार्यक्रमों में लगा हुआ है, जो समाज के लिए प्रासंगिक हैं।

समयसीमा

31-दिसंबर-2023

नियम एवं शर्तें:

  1. यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो भारत में रह रहे हैं।
  2. अधूरे आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
  3. अनधिकृत स्रोतों से प्राप्त सभी प्रविष्टियाँ या जो अधूरी, पढ़ने योग्य, कटे-फटी, बदली हुई, फिर से प्रस्तुत की गई, जाली, अनियमित या किसी भी तरह से कपटपूर्ण हैं, अपने-आप अयोग्य हो जाती हैं।
  4. CSIR के पास बिना कोई कारण बताए किसी भी सबमिशन को चुनने या अस्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित है।
  5. सामने आई समस्याओं के संबंध में CSIR का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है।
  6. प्रतिभागी संचार और जानकारी की गोपनीयता बनाए रखेंगे और किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए उसका इस्तेमाल नहीं करेंगे।
  7. अगर आवेदक और CSIR के बीच कोई प्रश्न, विवाद या अंतर उठता है, तो महानिदेशक, CSIR का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है।

अस्वीकरण:

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