जिम्मेदार AI पर रुचि की अभिव्यक्ति के लिए आह्वान

पृष्ठभूमि

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) AI पद्धतियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे-जैसे AI इंटीग्रेशन ग्रो करता है, भारत का लक्ष्य अपनी सामाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं के संदर्भ में स्वदेशी टूल्स और मूल्यांकन रूपरेखाओं के लिए कुशल मैकेनिज्म में निवेश करना है। नेशनल प्रोग्राम ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (NPAI) के जिम्मेदार AI के आधार के नीचे, डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के तहत IndiaAI IBD ने रिसर्च प्रोजेक्ट-बेस्ड फ़ंडिंग के लिए एक पहल शुरू की। डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के तहत IndiaAI IBD, निष्पक्ष, पारदर्शी और नैतिक AI पद्धतियों को बढ़ावा देने वाले ऐसे 10 जिम्मेदार AI थीम वाली परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता प्रदान करता है।

जिम्मेदार AI पर रुचि की अभिव्यक्ति के लिए बुलावा

मायगोव के सहयोग से MeitY संगठन को आमंत्रित करता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है कि वे टूल और फ़्रेमवर्क बनाने के लिए जिम्मेदार AI थीम पर प्रस्ताव खोजें और सबमिट करें।

ऐसे ज़िम्मेदार AI थीम की लिस्ट दी गई है, जिन्हें संगठन दूसरे पार्टनर के साथ मिलकर एक्सप्लोर कर सकते हैं, ताकि वे ऐसे टूल और फ़्रेमवर्क तैयार कर सकें, जो अलग-अलग सेक्टर में AI के न्यायसंगत और नैतिक विकास और इस्तेमाल को बढ़ावा देते हैं:

थीम्स

1.1. मशीन अनलर्निंग

मशीन अनलर्निंग एल्गोरिदम उन ग़लतियों, पूर्वाग्रहों और पुरानी जानकारी को ठीक करने में अहम भूमिका निभाते हैं, जो अनजाने में मशीन लर्निंग मॉडल में शामिल हो सकती हैं। ये एल्गोरिदम गलत, अप्रासंगिक या हानिकारक डेटा से मॉडल के सीखने की समस्या का समाधान करते हैं, जिसके कारण कई अनुप्रयोगों में ग़लत निर्णय लिए जा सकते हैं। अनचाहे सीखे हुए व्यवहारों को हटाने में मदद करके, मशीन अनलर्निंग एल्गोरिदम अलग-अलग डोमेन में ज़्यादा सटीक, भरोसेमंद और निष्पक्ष AI सिस्टम के विकास में योगदान करते हैं।

1.2. सिंथेटिक डाटा जेनरेशन

सिंथेटिक डेटा जनरेशन टूल विकसित करने की अनिवार्यता मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न डोमेन में सीमित, पक्षपातपूर्ण या गोपनीयता के प्रति संवेदनशील रियल-वर्ल्ड डेटासेट द्वारा पेश की जाने वाली लगातार चुनौतियों से उत्पन्न होती है। ये टूल्स काल्पनिक डेटा इंस्टेंस बनाते हैं, जो असली डेटा की विशेषताओं की नकल करते हैं, जिससे मशीन लर्निंग मॉडल को और प्रभावी ढंग से और मजबूती से प्रशिक्षित किया जा सकता है। डेटा की कमियों को दूर करके, गोपनीयता संबंधी चिंताओं को कम करके और समान प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देकर, सिंथेटिक डेटा जनरेशन टूल AI सिस्टम की क्षमताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डेवलपर को यह सुनिश्चित करना होगा कि सिंथेटिक रूप से जेनरेट किया गया डेटा सही हो और बाकी डेटा के साथ अलाइन हो, ताकि प्रशिक्षण के दौरान AI एल्गोरिथम में झूठे पूर्वाग्रह (फाल्स बायस) उत्पन्न न हों।

1.3. एल्गोरिथम फ़ेयरनेस टूल

एल्गोरिथम फ़ेयरनेस टूल यह सुनिश्चित करते हैं कि स्वचालित सिस्टम और निर्णय लेने वाले एल्गोरिदम सभी व्यक्तियों के साथ उचित और बिना किसी पूर्वाग्रह के व्यवहार करें। डेटा या डिज़ाइन में पूर्वाग्रहों की वजह से एल्गोरिदम कभी-कभी अनजाने में कुछ समूहों के साथ भेदभाव कर देते हैं। फ़ेयरनेस टूल नैतिक और न्यायसंगत परिणामों को बढ़ावा देते हुए, इन पूर्वाग्रहों का आकलन करने, मापने और उन्हें कम करने का एक व्यवस्थित तरीका प्रदान करते हैं। ये टूल अक्सर अलग-अलग पहलुओं, जैसे कि नस्ल, जेंडर या अन्य सुरक्षित विशेषताओं में पूर्वाग्रह का विश्लेषण करने के लिए क्वांटिटेटिव मेट्रिक्स और विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करते हैं। वे भविष्यवाणियों और परिणामों में असमानताओं को हाईलाइट कर सकते हैं। एल्गोरिथम फ़ेयरनेस टूल के उदाहरणों में IBM का AI Fairness 360, Google का What-If और माइक्रोसॉफ्ट का Fairlearn टूल शामिल हैं।

1.4. AI से जुड़े पूर्वाग्रह को कम करने वाली रणनीतियां (AI बायस मिटिगेटिंग स्ट्रेटेजीज)

AI बायस मिटिगेटिंग रणनीतियों की ज़रूरत इस एहसास से उत्पन्न होती है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम समाज के अलग-अलग पहलुओं में तेज़ी से इंटिग्रेट हो रहे हैं, जिससे ऐसे फैसले प्रभावित होते हैं जो लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। निष्पक्षता, समानता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, ऐसी रणनीतियाँ इस्तेमाल करना ज़रूरी है, जो AI एल्गोरिदम में मौजूद पूर्वाग्रहों की पहचान करती हैं, उनका विश्लेषण करती हैं और उन्हें ठीक करती हैं। मिटिगेशन स्ट्रेटेजीज में पूर्वाग्रह को दूर करने के लिए प्री-प्रोसेसिंग डेटा, निष्पक्षता के लिए एल्गोरिदम को एडजस्ट करना या परिणामों को फिर से कैलिब्रेट करने के लिए पोस्ट-प्रोसेसिंग पूर्वानुमान शामिल हो सकते हैं। AI बायस मिटिगेटिंग रणनीतियों के उदाहरणों में डेटा का फिर से सैंपल लेना,सैम्पल्स की री-वेटिंग करना, प्रतिकूल प्रशिक्षण और अन्य चीजें शामिल हैं, जो भविष्यवाणियों में पूर्वाग्रह को कम करने पर ध्यान देते हैं।

1.5. एथिकल AI फ़्रेमवर्क्स

एथिकल AI फ़्रेमवर्क्स यह सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करते हैं कि AI सिस्टम मूलभूत मानवीय मूल्यों का सम्मान करें, निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखें, और पूर्वाग्रहों या भेदभाव को बनाए रखने से बचें। ये फ़्रेमवर्क डेवलपर, रिसर्चर, और संगठनों को अपनी AI रचनाओं के व्यापक सामाजिक प्रभावों पर विचार करने और संभावित नुकसान को कम करने के लिए सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। प्रमुख नैतिक AI फ़्रेमवर्क में IEEE ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन एथिक्स ऑफ़ ऑटोनॉमस एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स और यूरोपियन कमीशन द्वारा भरोसेमंद AI के लिए नैतिकता दिशानिर्देश शामिल हैं।

1.6. गोपनीयता बढ़ाने की रणनीतियां (प्राइवेसी एन्हान्सिंग स्ट्रेटेजीज)

डेटा गोपनीयता के बारे में बढ़ती चिंताओं और व्यक्तिगत जानकारी के संभावित दुरुपयोग को दूर करने के लिए जिम्मेदार AI में गोपनीयता बढ़ाने वाली रणनीतियां ज़रूरी हैं। इनमें कई तरह की तकनीकें शामिल हैं, जिनमें डेटा मिनिमाइज़ेशन, अनामिज़ेशन, डिफरेंशियल प्राइवेसी और गोपनीयता-संरक्षण मशीन लर्निंग शामिल हैं। इन तरीकों का लक्ष्य री-आइडेंटिफिकेशन, अनधिकृत ऐक्सेस और डेटा लीक होने के जोखिम को कम करना है, साथ ही संगठन को विश्लेषण, पूर्वानुमान और निर्णय लेने के लिए AI की ताकत का इस्तेमाल करने की सुविधा देना है।

1.7. एक्सप्लेनेबल AI (XAI) फ़्रेमवर्क

XAI फ़्रेमवर्क, AI मॉडल को ज़्यादा व्याख्यात्मक और पारदर्शी बनाने के लिए तरीके और टूल प्रदान करते हैं। इनमें मॉडल विज़ुअलाइज़ेशन, फ़ीचर के महत्व का विश्लेषण, और AI पूर्वानुमान के लिए लोगों को समझने योग्य स्पष्टीकरण तैयार करने जैसी तकनीकें शामिल हैं। इन फ़्रेमवर्क से यूज़र, जिनमें डेटा साइंटिस्ट, रेगुलेटर और असली यूज़र शामिल हैं, जटिल AI मॉडल की अंदरूनी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद करते हैं। मॉडल के फ़ैसले को प्रभावित करने वाले कारकों का खुलासा करके, XAI जवाबदेही बढ़ाता है और मॉडल को डीबग करने और बेहतर बनाने की सुविधा देता है।

1.8. AI एथिकल सर्टिफिकेशन

AI एथिकल सर्टिफिकेशन एक औपचारिक मूल्यांकन और पहचान प्रक्रिया है, जो इस बात की पुष्टि करती है कि AI सिस्टम, सेवाएँ या संगठन अपने विकास और परिनियोजन में स्थापित नैतिक सिद्धांतों और दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। AI एथिकल सर्टिफिकेशन से गुज़रने से, संस्थाएं AI बनाने और इस्तेमाल करने के प्रति अपने समर्पण को ऐसे तरीके से प्रदर्शित करती हैं, जो नैतिक विचारों को प्राथमिकता देते हैं, हितधारकों के बीच विश्वास को बढ़ावा देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि AI तकनीकें सामाजिक मूल्यों और मानकों के अनुरूप हों। इन सर्टिफिकेशंस से निष्पक्षता, पारदर्शिता, जवाबदेही और गोपनीयता की सुरक्षा जैसे पहलुओं का आकलन किया जाता है।

1.9. AI गवर्नेंस टेस्टिंग फ़्रेमवर्क

AI गवर्नेंस टेस्टिंग फ़्रेमवर्क, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के विकास और इस्तेमाल में गवर्नेंस पॉलिसियों, नैतिक दिशानिर्देशों, और विनियामक आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने और उनके अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक स्ट्रक्चर्ड एप्रोच है। यह फ़्रेमवर्क ओर्गनइजेशन्स को यह आकलन करने में मदद करता है कि उनकी AI पहल ज़िम्मेदार और नैतिक प्रथाओं के अनुरूप है या नहीं। इसका प्रमुख उदाहरण है AI वेरिफ़ाई, जो दुनिया का पहला AI गवर्नेंस टेस्टिंग फ़्रेमवर्क और उन कंपनियों के लिए टूलकिट है, जो ज़िम्मेदार AI को ऑब्जेक्टिव और वेरिफ़ाई करने योग्य तरीके से प्रदर्शित करना चाहती हैं।

1.10. एल्गोरिदमिक ऑडिटिंग टूल्स

एल्गोरिथम ऑडिटिंग एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग मॉडल के प्रभाव और व्यवहार का मूल्यांकन और जांच करने की एक प्रक्रिया है, खासकर उन अनुप्रयोगों में जहां ये एल्गोरिदम ऐसे निर्णय लेते हैं जो व्यक्तियों या समुदायों को प्रभावित करते हैं। एल्गोरिथम ऑडिटिंग का प्राथमिक लक्ष्य एल्गोरिथम के निर्णय लेने में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है और संभावित पूर्वाग्रहों और नैतिक चिंताओं को कम करना है।

आवेदन कौन कर सकता है?

2.1. एकेडमिक/रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट संगठन

एकेडमिक/रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट संगठन के पास प्रोजेक्ट कार्यान्वयन और प्रोग्राम के तहत छात्रों के प्रशिक्षण के लिए प्रासंगिक रिसर्च पब्लिकेशन के साथ-साथ पहले से मौजूद लैब इंफ्रास्ट्रक्चर (लैब में वर्कस्टेशन, सर्वर, प्रोजेक्ट स्टाफ आदि) होने चाहिए। चीफ इन्वेस्टिगेटर/को-चीफ इन्वेस्टिगेटर रेगुलर फैकल्टी होने चाहिए, जिनके पास जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में प्रासंगिक अनुभव हो।

निम्नलिखित श्रेणियों में आने वाले सभी संस्थान कार्यक्रम में भाग लेने और फ़ंड प्राप्त करने के पात्र होंगे:

  1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs)
  2. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs)
  3. भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIITs)
  4. भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISERs)
  5. केंद्रीय यूनिवर्सिटीज/राज्य सरकार/केंद्रीय सरकार के अधीन आने वाली डीम्ड यूनिवर्सिटीज
  6. कॉलेज/राष्ट्रीय महत्व के संस्थान/श्रेष्ठता
  7. रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट संगठन/संस्थान (जिनके पास B.Tech /MTech/PhD कोर्स हैं)
  8. प्राइवेट यूनिवर्सिटीज/ प्राइवेट डीम्ड यूनिवर्सिटीज/प्राइवेट कॉलेज**

** नीचे दिए गए अतिरिक्त पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बाद, प्राइवेट ऐकडेमिक संस्थान भी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पात्र हैं:

प्राइवेट एकेडेमिक संस्थानोंं के लिए मानदंड

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में अंडरग्रेजुएट/पोस्टग्रेजुएट/डिप्लोमा/सर्टिफ़िकेट प्रोग्राम ऑफ़र करने वाले प्राइवेट संस्थान आवेदन करने के पात्र हैं। संस्थान को AICTE द्वारा अप्प्रूव होना चाहिए और/या संस्थान को NAAC (राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद यूजीसी) द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए।

ऐकडेमिक संस्थान से प्राप्त प्रस्ताव अप्रूवल के लिए मूल्यांकन समिति और अन्य प्रस्ताव समीक्षा समितियों द्वारा जांच और मूल्यांकन के अधीन होंगे।

2.2. स्टार्ट-अप और कंपनियां

  1. स्टार्टअप को DIPP द्वारा अधिसूचित मौजूदा मानदंडों का पालन करना चाहिए और कम से कम 2 साल तक परिचालन में रहना चाहिए।
  2. भारतीय नागरिकों या भारतीय मूल के लोगों के साथ उस एंटिटी की कम से कम 51% शेयरधारिता होनी चाहिए। आवेदक की एंटिटी किसी विदेशी निगम की सहायक कंपनी नहीं होनी चाहिए।
  3. स्टार्टअप के पास AI के क्षेत्र में बेहतरीन विशेषज्ञता होनी चाहिए
  4. भारतीय कंपनी/विदेशी कंपनी को कंपनी अधिनियम के तहत दी गई परिभाषा का पालन करना चाहिए, जो लागू हो। कंपनी कम से कम 5 साल से काम कर रही होनी चाहिए और उसे AI के क्षेत्र में अच्छा अनुभव होना चाहिए

चयन प्रक्रिया

नीचे दिए गए स्टेप्स में बताया गया है कि इस पहल को किस तरीके से लागू किया जा सकता है, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि इसका सफल क्रियान्वयन और मुख्य उद्देश्यों के साथ तालमेल बिठाया जा सके:

1. आवेदन प्रक्रिया

आवेदकों को परफ़ॉर्मा में दिए गए फ़ॉर्मेट में रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) सबमिट करना होगा। आवेदक एक से अधिक प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं, हालांकि, अगर वे ऐसा करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने प्रोजेक्ट की प्राथमिकता को स्पष्ट रूप से रैंक करना होगा।

2. EOIs का मूल्यांकन

विशेषज्ञों की एक कमेटी EOI का मूल्यांकन करेगी। मूल्यांकन में, AI के अलग-अलग पहलुओं के साथ-साथ संस्थानोंं की योग्यता, ट्रैक रिकॉर्ड और क्षमता पर ध्यान दिया जाएगा।

मूल्यांकन के मापदंड

1. उद्देश्यों के साथ प्रोजेक्ट एलाइनमेंट:

  1. प्रस्तावित प्रोजेक्ट AI के निष्पक्ष और नैतिक उपयोग को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्य के साथ कितनी अच्छी तरह मेल खाता है?
  2. क्या प्रस्ताव में साफ़ तौर पर बताया गया है कि प्रोजेक्ट इन क्षेत्रों में पहचान की गई AI चुनौतियों से निपटने में कैसे योगदान देगा?

2. इनोवेशन और प्रभाव:

  1. क्या प्रस्तावित प्रोजेक्ट इनोवेटिव है और इससे जिम्मेदार AI में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की संभावना है?
  2. क्या ऐसे नए दृष्टिकोण, तरीके या तकनीकें प्रस्तावित हैं जो जिम्मेदार AI के क्षेत्र को आगे बढ़ा सकती हैं?

3. सहयोगात्मक दृष्टिकोण:

  1. क्या यह प्रस्ताव ऐकडेमिक संस्थानोंं, इंडस्ट्री, सिविल सोसायटी और अन्य पार्टनर के बीच प्रभावी सहयोग को दर्शाता है?
  2. क्या प्रस्तावित पार्टनर के बीच पहले से सफल सहयोग का कोई सबूत है?

4. व्यवहार्यता और संसाधन:

  1. क्या प्रस्तावित प्रोजेक्ट तकनीकी रूप से 2 साल की समय सीमा में संभव है?
  2. क्या प्रस्ताव में वास्तविक बजट की रूपरेखा दी गई है?
  3. क्या प्रोजेक्ट के अपेक्षित परिणामों और प्रभाव के संबंध में प्रस्तावित बजट उचित और न्यायोचित है?

5. मूल्यांकन और मेट्रिक्स:

  1. क्या प्रोजेक्ट के स्पष्ट और मापने योग्य लक्ष्य और परिणाम परिभाषित हैं?
  2. क्या प्रोजेक्ट के प्रभाव और प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक मेट्रिक्स हैं?

सबमिशन से जुड़े दिशा-निर्देश

  1. परफ़ॉर्मा की कुल लंबाई 15-20 पेज से अधिक नहीं होनी चाहिए
  2. आवेदकों को किसी पार्टनर ओर्गनइजेशन के साथ मिलकर आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कृपया ध्यान दें कि प्रोजेक्ट की अधिकतम अवधि 2 वर्ष है।
  3. टेम्प्लेट में बताए गए सभी पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करें । अधूरे आवेदन रिजेक्ट कर दिए जाएंगे।
  4. कोई भी जानकारी गलत पाई गई, तो आवेदन को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
  5. आवेदकों को नियम और शर्तें पढ़कर उनका पालन करना चाहिए।
  6. अगर कोई प्रश्न हो, तो कृपया बिना किसी हिचकिचाहट के यहां संपर्क करें pmu[dot]etech[at]meity[dot]gov[dot]in

प्रस्तावों के लिए इस कॉल में रिसर्च के अन्य क्षेत्रों में सबमिट किए गए प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जा सकता है।

सबमिशन सिर्फ़ PDF फ़ॉर्मेट में होना चाहिए। परफ़ॉर्मा डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

नियम और शर्तें

  1. यह अनुदान उस खास प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए है, जिसे IndiaI ने मंज़ूरी दी है और यह निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगा:
    1. प्रोजेक्ट के लिए अनुदान को निर्दिष्ट समय के भीतर खर्च किया जाएगा
    2. अनुदान का कोई भी हिस्सा, जो मंज़ूर किए गए उद्देश्यों के लिए खर्च करने के लिए ज़रूरी नहीं होगा, उसे विधिवत रूप से IndiaAI को सौंप दिया जाएगा।
  2. IndiaAI अनुदान द्वारा एग्जिक्यूट किए जा रहे प्रोजेक्ट के लिए, किसी भी अन्य वित्तीय सहायता के लिए अनुदानदाता इंस्टीटूशन द्वारा किए गए आवेदन या उसी प्रोजेक्ट के लिए किसी अन्य एजेंसी/मंत्रालय/विभाग से अनुदान/लोन की प्राप्ति के लिए IndiaAI की पूर्व अनुमति/अप्रूवल होना चाहिए।
  3. अनुदानकर्ता इंस्टीटूशन को इस प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन का काम, जिसके लिए अनुदान मिला है, किसी दूसरे इंस्टीटूशन को सौंपने और IndiaAI से मिलने वाले अनुदान को बाद के इंस्टीटूशन को मदद के तौर पर डायवर्ट करने की अनुमति नहीं है।
  4. IndiaAI की पूर्व स्वीकृति के बिना इन्वेस्टिगेटर(ओं) को इस प्रोजेक्ट को एग्जिक्यूट करने के लिए किसी विदेशी पार्टी (व्यक्तिगत/ऐकडेमिक इंस्टीटूशन/इंडस्ट्री) के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए।
  5. अनुदानकर्ता संस्था को IPR/IPR को लाइसेंस देना /टेक्नोलॉजी ट्रांसफर/कमर्शियलाइजेशन के किसी भी उल्लंघन से उत्पन्न होने वाली किसी भी कानूनी और/या वित्तीय समस्या से IndiaAI की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए।
  6. प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन से संबंधित किसी भी मामले पर कोई भी विवाद,सेक्रेटरी, MeitY, या CEO, IndiaAI का निर्णय अंतिम होगा और अनुदानदाता संस्था के लिए बाध्यकारी होगा।
  7. MeitY या IndiaAI के पास सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले इन नियमों और शर्तों को समय-समय पर संशोधित करने का अधिकार है, जो भारत सरकार के निर्देशों को दर्शाते हैं।
  8. भाग लेने वाले सभी इंस्टीटूशन्स/ओर्गनइजेशन्स के लिए यह अनिवार्य है कि वे प्रोजेक्ट की पूरी अवधि के दौरान बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे वर्कस्टेशन/सर्वर (काम करने की स्थिति में), लैब स्टाफ़ आदि उपलब्ध कराएँ। प्रोजेक्ट के तहत कोई अलग हार्डवेयर प्लेटफ़ॉर्म जैसे वर्कस्टेशन, सर्वर, लैपटॉप आदि उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे।
  9. MeitY या IndiaAI के पास ज़रूरत पड़ने पर उस केटेगरी के आधार पर सभी सहायक दस्तावेज़ों (जैसे AICTE मान्यता सर्टिफ़िकेट, NBA (नेशनल बोर्ड ऑफ़ एक्रिडिटेशन), NAAC (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल ऑफ़ UGC), स्टार्टअप सर्टिफ़िकेट, आदि) को प्रस्तुत करने के लिए पूछने का अधिकार सुरक्षित है।

विस्तृत नियम और शर्तों के लिए कृपया यहां क्लिक करें।

समय सीमा

शुरू करने की तारीख : 22 दिसंबर, 2023
अंतिम तिथि 04 फरवरी, 2024