स्वच्छ शौचालय चैलेंज

पृष्ठभूमि

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 स्वच्छ शौचालय चैलेंज का पहला संस्करण प्रस्तुत करता है!

पिछले नौ सालों में, स्वच्छ भारत मिशन ने देश के स्वच्छता परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के साथ, अब हमारा ध्यान स्वच्छता से प्राप्त परिणामों को बनाए रखने और जिस गति से काम हो रहा उस गति को तेज़ करने पर है।

भारत भर के शौचालयों में अब गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सेवाओं तक पूर्ण पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट तकनीकों, कुशल संचालन और रखरखाव, महिलाओं के लिए अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं, CT/PT के इलाके विशिष्ट डिजाइन आदि का उपयोग किया जा रहा है। पूरे शहरी भारत के नागरिकों के लिए 63 लाख से अधिक व्यक्तिगत और 6 लाख से अधिक समुदाय/सार्वजनिक शौचालय और यूरिनल हैं और उनका रखरखाव सुनिश्चित करना एक सतत अभ्यास है।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, के माननीय केंद्रीय मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा 17 नवंबर 2023 को शुरू किया गया, स्वच्छ शौचालय अभियान पाँच सप्ताह तक चलने वाला सफ़ाई और रखरखाव अभियान है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों के संचालन और रखरखाव को बेहतर बनाना है। यह अभियान विश्व शौचालय दिवस (19 नवंबर) से शुरू होकर 25 दिसंबर 2023 को सुशासन दिवस तक चलेगा। सभी शौचालयों में साफ-सफाई और रख-रखाव के अभियान के अलावा, इस अभियान में एक चैलेंज एलिमेंट भी है।

स्वच्छ शौचालय चैलेंज का उद्देश्य असाधारण सार्वजनिक शौचालयों को मान्यता देना है जो स्वच्छता, पहुंच, डिजाइन में नवाचार के साथ-साथ कार्यक्षमता को भी प्रदर्शित करते हैं। इस चुनौती के माध्यम से, मिशन FACES (कार्यात्मक, सुलभ, स्वच्छ, पर्यावरण के अनुकूल, सुरक्षित) के मापदंडों के अनुसार असाधारण रूप से अच्छी तरह से बनाए गए सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की पहचान करेगा।

आवेदन कौन कर सकता है?

  1. शहरी स्थानीय निकाय / शहर
  2. पैरास्टेटल निकाय
  3. अन्य केंद्रीय मंत्रालय और विभाग.
  4. निजी ऑपरेटर, NGOs, SHGs, नागरिक समूह

आवेदन की समय-सीमा ?

शौचालयों के लिए नामांकन फ़ॉर्म, जो 'FACES' के मापदंडों का पालन करता है, 25 दिसंबर 2023 तक लाइव है।

मूल्यांकन मानदंड?

सभी नामांकित शौचालयों का मूल्यांकन 'FACES' (कार्यात्मक, सुलभ, स्वच्छ, पर्यावरण के अनुकूल, सुरक्षित) के मापदंडों के आधार पर किया जाएगा। 25 दिसंबर 2023 को नामांकन समाप्त होने के बाद, MoHUA के विशेषज्ञों और अधिकारियों की एक स्वतंत्र ज्यूरी नामांकित शौचालय मॉडल का पूरी तरह से मूल्यांकन करेगी। चयन प्रक्रिया में ज्यूरी मेंबर्स के साथ शॉर्टलिस्ट किए गए सबमिशन के इंटरव्यू राउंड भी शामिल हो सकते हैं।

मान्यता और पुरस्कार:

स्वच्छ शौचालय चैलेंज के माध्यम से MoHUA द्वारा चुने गए सबसे अच्छे मॉडल शौचालयों को 'स्वच्छ भारत सर्वजनिक शौचालय गुणवत्ता' की मुहर से सम्मानित किया जाएगा, जो दूसरों को दोहराने और उनसे सीखने के लिए उनकी स्वच्छता सुविधाओं को बेंचमार्क के रूप में मान्यता देगा।